यह हमारी बेहद प्रशंसनीय एवं लोकप्रिय पुस्तक है जिसमें उग्र एवं अशांत कालावधि (भारत की धरती पर यूरोपियों के आगमन और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना से लेकर भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति और बाद के वर्षों तक) के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित एवं सारगर्भित रूप में एक साथ लाने का उद्यम किया गया है। इसमें न केवल मुख्यधारा के स्वतंत्रता संघर्ष को शामिल किया गया है अपितु विभिन्न समूहों के पृथक प्रयासों—छोटे लेकिन महत्वपूर्ण—का भी विवेचन किया गया है। आधुनिक भारत के विकास को प्रभावित करने वाले राजनीतिक एवं सामाजिक-आर्थिक उन्नयनों को भी समाविष्ट किया गया है। जटिल एवं वस्तुतः व्यापक विषय को संक्षिप्त, सारगर्भित एवं सुगम्य तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
पाठकों को स्वतंत्रता के तुंरत पश्चात देश के सम्मुख खड़ी चुनौतियों एवं लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित विभिन्न सरकारों के तहत हुए उल्लेखनीय कार्यों एवं विकास का संक्षिप्त मूल्यांकन प्रदान किया गया है। इस प्रकार, नेहरू काल एवं नेहरू के बाद के शासनकालों का सारगर्भित समावेश किया गया है। प्रत्येक अध्याय के अंत में सुगम एवं त्वरित रिविजन हेतु सारांश दिया गया है।
यह पुस्तक विशिष्ट रूप से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिगत तैयार की गई है, लेकिन अकादमिक, शोधार्थियों एवं यूजीसी नेट तथा स्लेट (SLET) के अभ्यर्थियों के लिए भी उपयोगी होगी।
विशिष्ट विशेषताएं
- आधुनिक भारतीय इतिहास पर सामान्य एवं परीक्षा-केंद्रित सारगर्भित रूप में तैयार पाठ्य सामग्री चाहने वाले पाठकों के लिए जानकारी का एकमात्र स्रोत
- विभिन्न आंदोलनों से सम्बद्ध व्यक्तित्वों पर जानकारी समेत तालिकाओं, बॉक्सों तथा परिशिष्टों का समावेश
- महत्व के विषयों के बहुआयामों को प्रस्तुत करने के लिए प्रसिद्ध लोगों के व्यापक कथनों का सम्मिलन
- पुस्तक के निर्माण में व्यापक शोध एवं विषय सम्बद्ध विशेषज्ञता का प्रयोग
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